RAKHI Saroj

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -09-Dec-2022

रुको ज़रा

रूको ज़रा एक पल मेरे पास ढहर
कर मेरे रूकें लम्हों के एहसासों को
समझ मेरी रूह में उतर जाओ।
रुको ज़रा मेरे एहसासों को समझ
एक बार उन्हें मुझे समझा जाओ ना।
रुको ज़रा एक पल उन बीते पलों का
हिसाब मेरी रूहों से लें जाओ जिसका
एहसास अब भी मेरी रूह हर पल करती है।
रूको ज़रा मेरी रूह में उतर जाने से 
पहले एक इजाजत का लम्हा मेरी 
आंखों से चुन लो ज़रा।
रुको ज़रा एक तलाश की खोज का
अब नया मोड़ खोज लाओ ज़रा।
रूको ज़रा कुछ बिखरे सवालों को
जबाव की टोकरी में समेट जाओ।
रूको ज़रा एक तलाश है अभी 
उसकी तलाश होने दो ना।
    राखी सरोज


   1
2 Comments

Abhinav ji

11-Dec-2022 09:27 AM

Very nice

Reply

RAKHI Saroj

11-Dec-2022 03:24 PM

धन्यवाद आपका

Reply